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Showing posts from October, 2018

आज़ाद सरकार के पहले प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चंद्र

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क्या आप जानते है? भारत की पहली आज़ाद सरकार के, पहले प्रधानमंत्री, नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे. इस सरकार को 'आज़ाद हिंद सरकार' कहा जाता है. ये सरकार 21 अक्टूबर 1943 को बनी थी. उस वक्त 9 देशों की सरकारों ने सुभाष चंद्र बोस की सरकार को अपनी मान्यता दी थी। जापान ने 23 अक्टूबर 1943 को आज़ाद हिंद सरकार को मान्यता दी . उसके बाद जर्मनी, फिलीपींस, थाईलैंड, मंचूरिया, और क्रोएशिया ने भी आज़ाद हिंद सरकार को अपनी मान्यता दे दी। सुभाष चंद्र बोस ने बर्मा की राजधानी रंगून को अपना हेडक्वार्टर बनाया, सुभाष चंद्र बोस, आज़ाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री थे . लेफ्टिनेंट कर्नल ए सी चटर्जी आज़ाद हिंद सरकार के वित्त मंत्री थे। एस ए अय्यर आज़ाद हिंद सरकार के प्रचार मंत्री थे। रास बिहारी बोस को आज़ाद हिंद सरकार का सलाहकार बनाया गया था . इस सरकार की स्थापना करते वक्त नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने ये शपथ ली थी कि 'ईश्वर के नाम पर मैं ये पवित्र शपथ लेता हूं कि भारत और उसके 38 करोड़ लोगों को आज़ाद करवाऊँगा' आज़ाद हिंद सरकार ने ये तय किया था कि तिरंगा झंडा, भारत का

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छाती 56 इंच की ही है

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#प्रधानमंत्री_नरेन्द्र_मोदी_की_छाती_56_इंच_की_ही_है। पोस्ट के मुद्दे पर आने से पहले यह समझना जरूरी है कि... अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र एवं रणनीति के तहत एक सुसंगठित दुष्प्रचार अभियान अंतरराष्ट्रीय मीडिया में बहुत लम्बे समय से चल रहा है कि ट्रम्प झक्की है, ट्रम्प सनकी है, ट्रम्प आधा पागल है... ट्रम्प को यह नहीं आता... ट्रम्प को वह नहीं आता... आदि आदि। लेकिन इसके ठीक विपरीत मेरा मानना है कि डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी हितों के प्रति शत प्रतिशत समर्पित एक अत्यन्त कुशल कठोर और बहुत अहंकारी शासक है। केवल 3 वर्ष के अपने कार्यकाल में ट्रम्प ने अपनी आर्थिक रणनीति से आज डॉलर को उस स्थिति पर पहुंचा दिया है जहां पाउंड, यूरो, येन, रूबल,चाइनीज युआन समेत दुनिया के सभी शक्तिशाली देशों की करेंसी डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर हुईं हैं। सम्भवतः कई दशकों बाद अमेरिकी डॉलर का ऐसा जलवा देखने को मिल रहा है। राजनीतिक/कूटनीतिक/सामरिक मोर्चे पर डोनाल्ड ट्रम्प ने  उस उत्तर कोरिया को घुटनों पर ला दिया है जिस उत्तर कोरिया को लाख प्रयासों के बावजूद पिछले लगभग 50 वर्षों से अमेरिक