आधुनिक युग में वेदों का महत्व

आज के आधुनिक युग में वेदों का महत्व

कुछ लोग वेदों के ज्ञान को समझे बिना ही उन्हें आज के समय के लिए व्यर्थ मान लेते हैं। किन्तु सच तो यह है कि वेद भगवान् की वाणी है जिसे स्वयं भगवान् ने सृष्टि के प्रारम्भ में हमारे लाभ के लिए हमें दिया है। वेदों का ज्ञान पूर्ण है और इसे अपौरुषेय भी कहा जाता है अर्थात् जिसकी रचना मनुष्यों ने नहीं की है। इनका उद्देश्य हमें इस भौतिक जगत् के दु:खों से छुटकारा दिलाकर शाश्वत् जगत् का परम सुख प्रदान करना है।

आज के युग में विज्ञान ने बहुत अधिक प्रगति की है किन्तु क्या लोगों की सभी समस्याएँ समाप्त हो गई हैं। यदि ध्यान से देखा जाए तो शारीरिक समस्याओ जैसे कि बीमारियों की संख्या में वृद्धि ही हुई है। और मानसिक समस्याओ का तो कहना ही क्या ? मानसिक समस्याएँ आने वाले समय के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई हैं और विज्ञान के पास इनसे लड़ने के लिए कोई उपाय नहीं है। इन शारीरिक एवं मानसिक समस्याओ से छुटकारा पाने के लिए पूरे विश्व में लोग योग, आयुर्वेद, मंत्र ध्यान, शाकाहार और अनेक भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई तकनीकों का सहारा ले रहे हैं।

यह कहना कि आधुनिक प्रगति के इस युग में वेदों का कोई महत्व नहीं रह गया है, पूरी तरह से अर्थहीन है। क्योंकि जो आधुनिक विज्ञान दे रहा है वह केवल जड़ विद्या है – पदार्थ (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, मन, बुद्धि एवं अंहकार) ।

इसकी सहायता से कोई भी जीवन की मूलभूत समस्याओ – जन्म, मृत्यु, बुढ़ापा एवं बीमारियों का समाधान नहीं कर सकता ।
यदि किसी को अपने जीवन की वास्तविक समस्याओ का समाधान ढूँढना है और वास्तविक सुख की प्राप्ति करनी है तो उसे शास्त्रों का आश्रय तो लेना ही होगा ।

वेद हमें उस जीवन शैली का ज्ञान प्रदान करते हैं जिसके द्वारा हम जगत् में सुख से जीते हुए जन्म-मृत्यु के चक्र को हमेशा-हमेशा के लिए रोक सकते हैं जो किसी भी आधुनिक खोज या विज्ञान द्वारा नहीं किया जा सकता ।

जैसे किसी भी कार, मोटरसाइकिल या अन्य किसी भी यन्त्र जैसे कि कम्प्यूटर के साथ उसे प्रयोग करने के लिए एक नियमावली आती है उसी प्रकार वेद भी भगवान् द्वारा सृष्टि के प्रारम्भ में बनायी गई वह नियमावली है जिसके द्वारा हमें पता चलता है कि इस मानव शरीर का प्रयोग कैसे करना है । इस मानव शरीर में क्या करना है और क्या नहीं करना है । इस मानव शरीर का सबसे अच्छा प्रयोग कैसे किया जाए जिससे ज्ञान एवं आनन्द से परिपूर्ण शाश्वत् जीवन प्राप्त हो सके ।

वेद हमें सिखाते हैं हम कौन हैं, भगवान् कौन हैं और हमारा उनके साथ क्या सम्बन्ध है । वेद हमें वह पद्धति भी सिखाते हैं जिसके द्वारा हम भगवान् के साथ अपने भूले हुए सम्बन्ध को पुन: स्थापित कर सकते हैं ।

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