भारत को भी जरुरत है विराथु की



जो काम अमेरिका फ्रांस भारत रूस कोई नहीं कर पाया...वो बर्मा के विराथू जी ने कर दिखाया...आज बर्मा में करोडो रुपये के बने मस्जिद वीरान पड़े हैं...क्यूंकि आज देश मे मुसलमान देखने को नहीं है...जो की वहां जाए और देखे मस्जिदों को...और जो है वहां,उसकी तबीयत से ठुकाई हो रही है...!
विराथु जिसके बाद ही लोग जान पाए कि ये महान इंसान कौन है...?
और इन्होने क्या कर डाला है...?
क्या भारत को भी एक #आसीन_विराथू की जरुरत है...? 
कौन इस सन्त की तरह भूमिका निभा सकता भारत मे...?
मित्रो अशीन विराथु - वो भगवा संत जिसके नाम से काँपते हैं मुसलमान...! 
बर्मा के बौद्ध गुरु विराथु जी ने आखिर किस तरीके से मुस्लिम को भगाया या कमज़ोर किया समझो...! 
जैसे मुसलमानों का '७८६' का नंबर लकी माना जाता है वैसे ही विराथु ने '९६९ ' का नंबर निकाला...और उन्होंने पुरे देश के लोगों से आह्वान किया...कि जो भी राष्ट्रभक्त बौद्ध है वो इस स्टीकर को अपने अपनी जगह पर लगायें...! 
इसके बाद टैक्सी चलाने वालों ने टैक्सी पर...दूकान वालों ने दूकान पर...इसको लगाना शुरू किया...लेकिन विराथु का सन्देश साफ़ था...कि हम बौद्ध अपनी सारी खरीदारी और व्यापार वहीँ करेंगे जहां ये स्टीकर लगा होगा...किसी को टैक्सी में चढ़ना हो तो उसी टैक्सी में चढ़ेंगे जिसके ऊपर ये स्टीकर होगा...उसी रेस्टोरेंट में खायेंगे जहां ये स्टीकर होगा...!
उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है ऐसी हालत में मुस्लिम सऊदी से आये पैसों के दम पर अपने माल को कम कीमत पर बेच कर आपको आकर्षित करे...लेकिन आप ध्यान रखना...आप दो पैसा ज्यादा देना...और सोचना कि आपने अपने देश के लिए पैसा लगाया है...दो पैसे कम में खरीद कर मातृभूमि से गद्दारी मत करना...वो आपके पैसे आपको ही मिटाने में लगाते हैं...मुर्खता मत करना...! 
दोस्तों...हालत ये हो गए कि मुस्लिम के व्यापार ठप्प पड़ गए...मुस्लिम इतने आतंकित हुए कि इस स्टीकर लगी टैक्सी को चढ़ना तो दूर...किनारे से कन्नी काटने लगे...पुरे देश में मुसलमानों के होश ठिकाने आ गए...और फिर ये स्टीकर एक तरह से देशभक्ति का प्रमाण बन गया...उनके जिहाद का जवाब बन गया...और इस अनोखे आईडिया का प्रभाव आप देख सकते हैं कि आज बर्मा से मुस्लिम भाग चुके हैं...! 
अगर आप भी इन मुसलमानो की अकल ठिकाने लगाने चाहते है तो सिर्फ हिन्दुओ व आर्यो से ही व्यापार करे...अगर सभी हिन्दू भाई अपनी कार्यस्थलो पर ॐ का या जय श्री राम का स्टिकर लगाये तो मुस्लिम जिहाद को बहुत बड़ी चोट पहुंचाई जा सकती है...! 
विराथु वो संत हैं जिन्होंने आतंक के खिलाफ पूरे म्यांमार को खड़ा कर दिया गया और फिर वहां से लोगों ने अवैध मुस्लिमों को खदेड़ डाला...! 
लोग जो भगवान बुद्ध की बातों पर अमल करते आ रहे थे उन लोगों ने देश की रक्षा के लिए बुद्ध की बातों को छोड़ संत विराथु की बातों पर अमल किया...!
विराथु ने कहा, "चाहे आप कितने भी दयावान और शांतिप्रिय हो पर आप एक पागल कुत्ते के साथ नहीं सो सकते अन्यथा आपकी शांति वहां कोई काम नहीं आएगी और आप बर्बरता से ख़त्म कर दिए जाओगे " 
उन्होंने कहा,"शांति स्थापित करने के लिए हथियार उठाना होगा,शांति के लिए युद्ध जरुरी" 
ये सारी बातें विराथु ने गीता से ली...और फिर आतंक की बीमारी झेल रहे म्यांमार के लोग एकजुट हो गए वो विराथु के लिए जान लेने और देने को तैयार हो गए और पूरे म्यांमार से अवैध मुसलमानो को खदेड़ा जाने लगा...! 
विराथू के प्रवचनों को अगर कोई सुने तो उसे लग सकता है कि शांत स्वरों में मोक्षप्राप्ति की बात चल रही है...दृष्टि नीचे किए हुए जब वह अपना प्रवचन दे रहे होते हैं,तो प्रस्तर प्रतिमा की तरह स्थिर नजर आते हैं,चेहरे पर भी कोई उत्तेजना नजर नहीं आती...एक बारगी लगेगा कि वह कोई गंभीर आध्यात्मिक उपदेश दे रहे हैं,लेकिन वह अपने हर उपदेश में बौद्धों के संगठित होने और हिंसा का जवाब हिंसा से देने का उपदेश देते हैं...! 
विराथु के भाषणों से प्रभावित होकर पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में भी बौद्ध भिक्षुओं नें मुख्यत: मुस्लिमों के खिलाफ ‘बोडु बाला सेना’ नाम का संगठन बना लिया है...इस संगठन का मुख्यालय कोलंबो के बुद्धिस्ट कल्चरल सेंटर में है,जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे किया था...इस संगठन के भी लाखों समर्थक हैं,जो मानते हैं कि श्रीलंका को मुसलमानों से खतरा है...हजारों लोग उनकी रैलियों में शामिल होते हैं तो सोशल मीडिया पर भी उनकी अच्छी-खासी पकड़ बनी है...
केवल म्यांमार और श्रीलंका ही नहीं...चीन में भी बौद्धों और मुस्लिमों में टकराव जारी है...बौद्ध देश चीन के मुस्लिम बहुल प्रांत शिनजियांग के मुसलमान देश के इस क्षेत्र को इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए वर्षों से जेहाद कर रहे हैं...ये लोग चीन में केवल एक बच्चा पैदा करने के कानून का भी विरोध करते रहे हैं...यहाँ तुर्क मूल के उईंगर मुसलमान पाकिस्तान के कबायली इलाकों में आतंक की ट्रेनिंग लेकर चीनी नागरिकों का खून बहाने की साजिश रचते हैं 
परन्तु पूरी दुनियाँ को इस्लामी आग में जलता देखकर चीनी सरकार ने सबक लिया है,और यहाँ के मुसलमानों पर जबरदस्त दमन की नीति अपना ली है...यहाँ मुसलमानों को दाढ़ी रखने,बुर्का पहनने यहाँ तक की रोजा रखने पर भी पाबंदी लगा दी गयी है...! 
म्यांमार में हुई हिंसक घटनाओं के बाद से अब प्राय: पूरी दुनिया में बौद्धों और मुस्लिमों में भारी तनातनी पैदा हो गई है...जिनमें अशीन विराथु बौद्ध दुनिया के एक नायक एवं जेहादी दुनिया के लिए एक बड़े खलनायक बन कर उभरे हैं...म्यांमार में हुए कई सर्वेक्षणों के बाद ये प्रमाणित हो चुका है कि जनता एवं बौद्ध भिक्षु विराथु के साथ है...विराथु का स्वयं भी कहना है कि वह न तो घृणा फैलाने में विश्वास रखते हैं और न हिंसा के समर्थक हैं, लेकिन हम कब तक मौन रहकर सारी हिंसा और अत्याचार को झेलते रह सकते हैं...? 
इसलिए वह अब पूरे देश में घूम-घूम कर भिक्षुओं तथा सामान्यजनों को उपदेश दे रहे हैं कि...यदि हम आज कमजोर पड़े,तो अपने ही देश में हम शरणार्थी हो जाएंगे...म्यांमार के बौद्घों के इस नये तेवर से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है...दुनिया भर के अखबारों में उनकी निंदा में लेख छापे जा रहे हैं परन्तु पूज्य चरण अशीन विराथु को इससे कोई अंतर नहीं पड़ता...वे पूर्ववत असली राष्ट्र आराधना में लगे हुए हैं...क्या हम हिन्दुओं के लिए भी कोई ऐसा नेतृत्व करने वाले हिंदूवादी साधू...या नेता सामने आएगा...? 
अथवा सभी साधू-संत हमें सिर्फ मोह-माया और धर्म -कर्म संबंधी प्रवचन देकर धर्मभीरु बनाकर रखेंगे...?
पुरे संसार की मीडिया ने इनका बहिस्कार कर रखा है...मीडिया इनको "बौद्धों का ओसामा बिन लादेन" पुकारती है...या सीधा आतंकवादी ही बोल देती है...!
बौद्धों के धर्मगुरु विराथू जी ने पुरे देश को जगाया,इस्लाम के खतरे को कुछ इस तरह से समझाया कि लोगों ने सेकुलरिज्म का त्याग कर दिया और हथियार उठा लिए...इसके पहले तक बौद्ध महात्मा बुद्ध के रास्ते पर चल कर प्रताड़ित हो रहे थे...पर विराथू जी ने नया मन्त्र दिया...कहा..."अब समय शांत रहने का नहीं है खतरे की घंटी बज चुकी है "
ये उनका एक बहुत ही विवादित प्रवचन है(मुस्लिमो की नजर में) जिसके बाद बर्मा में  बौद्धों ने हथियार ले कर आक्रमण कर दिया हथियार का जवाब हथियार से देने लगे...!
वहाँ भी सेक्युलर नेता थे तुरंत विराथू जी को सांप्रदायिक घोषित कर के जेल में डाल दिया २५ साल की सजा के साथ पर विराथू जी के कई विडियो सोशल मीडिया पर तब तक आ चुके थे घर घर में लोगों ने सुना और नजरें खुल गयी क्यूंकि किसी के बोलने में इतना आकर्षण और ताकत होती है कि आँखों के ऊपर बंधी पट्टी उतर जाती है हमारे देश में ऐसे बोलने वाले कई हिन्दू साधू संत साध्वियां है परन्तु ये लोग कभी इस विषय पर बोलते ही नहीं...! इस्लाम में खास कर ऐसे बोलने वाले लोग आतंकवादी शिविरों में जाकर बोलते हैं ये सम्मोहन की तरह है जिसके बाद एक मुस्लिम किसी गुलाम की तरह हो जाता है आपको हर उस आदमी से नफरत होने लगती है जो मुस्लिम नहीं है यही वजह है की बहुत लोग आपको हमेशा कहेंगे "एक बार कुरआन पढ़ के तो देखो "
बर्मा के सारे बौद्धों को विराथू जी ने समझाया और सीधे घोषणा की अगर देश बचाना है और खुद बचना है अगर अपनी लड़कियों को बचाना है तो एक एक मुस्लिम को बाहर करो उसके बाद तो जो हुआ आज वो इतिहास है...! 
संसार भर में उनके खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए भारत में भी हुए लेकिन ९९% लोग भारत के जानते ही नहीं थे कि म्यांमार में ऐसा क्या हो रहा है जिसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं यहाँ मीडिया से सिर्फ एकतरफा न्यूज़ चलाये गए...! 
विरथू जी जेल में थे सरकार ने हवा का रुख भांपते हुए विराथू जी को १० साल के बाद जेल से छोड़ दिया और एलान किया कि मुस्लिम इस देश के निवासी नहीं हो सकते वो देश छोड़ कर चले जाएँ खास बात ये थी कि जेल जाने के बाद भी ये डिगे नहीं और जेल से निकलते ही एकसूत्री कार्यक्रम इस देश में सिर्फ बौद्ध रहेंगे...!
रातों रात भगदड़ मच गयी पूरा देश खाली हो गया जबकि इन लोगों को पाकिस्तान के सारे आतंकवादी संगठन बैकअप दे रहे थे बाहर से आतंकी भी आकर लड़ाई लड़ते थे लेकिन सब फेल हो गया...बौद्धों की जीत हुयी...आज बर्मा इस्लाम मुक्त देश है विराथू जी आज पूरी दुनिया के मीडिया के विलेन जैसे हैं पर बर्मा में वो नायक है...!
मेरे लिए भी विराथू जी आदर्श हैं काश ऐसे साधू संत हिन्दू धर्म में भी होते...!
लेकिन काश अफ़सोस करने से कुछ नहीं होगा कुछ तो करना ही पड़ेगा...और किसी का क्या इंतजार करेंगे मैं खुद जमीन तलाश रहा हूं...जिस दिन मेरे पंजे गड गए उसी दिन बिगुल बजा दूंगा...मुझे खुद आगे आना होगा आसीन विराथू बनना पड़ेगा...भविष्य गर्भ में छिपा है... कौन जाने माँ कालिका किस घड़ी...किस हाथ में त्रिशूल थमा दे...!

-लोकेश कुशवाहा

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