हिन्दूओ लड़ना छोड़ो


हिन्दूओ लड़ना छोड़ो और ये पढ़ो

🌎जो हिन्दू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबों सालों से सनातन धर्म है और इसे कोई नहीं मिटा सकता, मैं उनसे केवल इतना विनम्र अनुरोध करता हूँ कि नीचे लिखे तथ्यों को एक बार ध्यान से अवश्य पढ़ें:

🌎आखिर अफगानिस्तान से हिन्दू क्यों मिट गया ?

🌎"काबुल" जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर नहीं बचा।

🌎"गांधार" जिसका विवरण महाभारत में है, जहां की रानी गांधारी थी, आज उसका नाम कंधार हो चुका है, और वहाँ आज एक भी हिन्दू  नहीं बचा l

🌎"कम्बोडिया" जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर "अंकोरवाट" बनाया, आज वहाँ भी हिन्दू नहीं है l

🌎"बाली द्वीप" में 20 साल पहले तक 90% हिन्दू थे, आज सिर्फ 20% बचे हैं l

🌎"कश्मीर घाटी" में सिर्फ 25 साल पहले 50% हिंदू थे, आज एक भी हिन्दू नहीं बचा l

🌎"केरल" में 10 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओं की थी, आज सिर्फ 10% हिन्दू केरल में हैं l

🌎"नोर्थ ईस्ट" जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम आदि में हिन्दू हर रोज मारे या भगाए जाते हैं, या उनका धर्म परिवर्तन हो रहा है l

🌎मित्रों, 1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नहीं था, सिर्फ पारसी रहते थे l

🌎जब पारस पर मुस्लिमों का आक्रमण होता था, तब पारसी बूढ़े - बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे कि हमें कोई मिटा नहीं सकता, लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए l

धीरे - धीरे उनका कत्लेआम और धर्म - परिवर्तन होता रहा l

🌎एक नाव मे बैठकर कूछ पारसी किसी तरह गुजरात के नौसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुंचे, और आज पारसी सिर्फ भारत में ही गिनती की संख्या में बचे हैं l

🌎हमेशा शांति की भीख मांगने वाले हिन्दुओं……
आज तक के इतिहास का सबसे बड़ा संकट अब हिन्दुओं पर आने वाला है l

🌎ईसाईयों के 80 देश और मुस्लिमों के 56 देश हैं l

🌎और हिन्दुओं का एक मात्र देश भारत ही अब हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा l

🌎मैंने 10 लोगों को जो कि हिन्दू हैं, उनसे पूछा कि किस जाति के हो ?

🌎सभी ने अलग - अलग जवाब दिया……
किसी ने कहा राजपूत…
किसी ने कहा ब्राम्हण…
किसी ने कहा जाट…
किसी ने जैन कहा…
तो किसी ने अग्रवाल…… सब लोगों ने अलग - अलग बताया l

🌎लेकिन मैंने 10 मुसलमानोँ से पूछा कि कौन सी जाति के हो ?

सभी का एक जवाब आया…… "मुसलमान"

🌎मुझे बड़ा अजीब लगा, मैंने फिर से पूछा, फिर वही जवाब आया…… "मुसलमान"

🌎तब मुझे बहुत अफसोस हुआ, और लगा हम कितने अलग और वो कितने एक……

🌎कुछ समझ में आया हो तो आगे से कोई पूछे तो एक ही जवाब आना चाहिए……
॥ हिन्दू ॥

और अगर आप "हिन्दू" होने का गर्व करते हो तो इस को इतना फैला दो यह मैसेज मुझे वापस किसी हिन्दू से ही मिले l

🌎पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में एक मुस्लिम ने जनहित याचिका डाली थी कि पड़ोसी मुल्क में हज करने के लिए सब्सिडी मिलती है तो हमें भी मिलनी चाहिए l

🌎पाकिस्तान कोर्ट ने जनहित याचिका रिजेक्ट करते हुये कहा कि "कुरान" और "हदीस" के हिसाब से हज पसीने की कमाई से करना पड़ता है, दूसरों की कमाई से नहीं l

🌎सब्सिडी इस्लाम के खिलाफ है, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से भारतीय मुसलमानों को मिल रही सब्सिडी हराम है l

🌎क्या नेता इस पर कुछ टिप्पणी देंगे ?

🌎अजीब कानून है भैया……
गाय का चारा खाया तो जेल भेज दिया……
और जो गाय को खा रहा है उसको हज के लिए भेजते हो l

🌎ये जो नीचे एक वाक़या (कश्मीर का) लिखा है वो कोई मज़ाक नहीं है, कल ये आपके शहर में भी हो सकता है l

🌎अगर ये अमेरिका, जापान या फिर चाइना में हुआ होता तो इन शांतिप्रिय मजहब वालों को काट कर गटर में फेंक देते l

🌎कुछ दिन पहले NDTV के रवीश कुमार ने RSS के सिन्हा सर से तल्ख़ मुद्रा में पूछा था कि अगर देश में मुस्लिम ज्यादा हो जायेंगें तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा ?

इसका एक प्रायोगिकमैसेज उत्तर कल के एक वाकये ने दिया l

🌎मुस्लिम बाहुल्य "काश्मीर विश्वविद्यालय" में एक फिल्म "हैदर" की शूटिंग चल रही थी, उसके एक दृश्य के फिल्मांकन के लिए तिरंगा झंडा लगाया गया, और कलाकारों को जय हिन्द बोलना पड़ा l

🌎इतना होना था कि विश्वविद्यालय के छात्र उस यूनिट पर टूट पड़े l

🌎फिल्म का सेट तोड़ दिया गया, काफी जद्दोजहद के बाद फिल्म के कलाकारों को बाहर निकाला जा सका l

🌎तिरंगे से उनकी नफरत और जय हिन्द पर आपत्ति इस सबका कारण थी l

🌎पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन कालेज प्रशासन के कहने पर छोड़ दिया गया l

🌎ध्यान रहे वो अनपढ़ लोग नहीं, विश्वविद्यालय के छात्र थे l

🌎हाथ जोड़ के विनती है, इसे शेयर करें ये कोई छोटी खबर नहीं है l

🌎 एक सुन्दर संवाद (एक बार ज़रूर पढ़ें )

बी एस सी के छात्र का कॉलेज का पहला दिन……
(गले में बड़े-बड़े रुद्राक्ष की माला)
प्रोफेसर-- बड़े पंडित दिखाई देते हो, लेकिन कॉलेज में पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो…… पूजा पाठ घर में ही ठीक है l
(क्लास के सभी बच्चे ठहाका लगाते हैं)
छात्र (विनम्रता से)-- सर, आप मेरे गुरु हैं, और सम्माननीय भी इसलिए आपकी आज्ञा से ही कुछ कहना चाहूँगा l

शिक्षक कहते हैं-- बोलो ?
छात्र-- सर, जब ऐसे छोटे कॉलेज छोड़िये आई आई टी और मेडिकल कॉलेज तक में मुस्लिम छात्र दाढ़ियाँ बढ़ाकर या टोपी चढ़ाकर जाते हैं और कितनी भी बड़ी लेक्चर हो क्लास छोड़कर नमाज़ के लिए बाहर निकल जाते हैं तो शिक्षकों को वो धर्मनिष्ठता लगती है ।

जब क्रिश्चियन छात्र गले में बड़े बड़े क्रॉस लटकाकर घूमते हैं तो वो धर्मनिष्ठता हैं, और ये उनके मजहब की बात हुई ।

और आज आपके सामने इसी क्लास में कितनी ही लड़कियों ने बुर्का पहना है, और कितने ही बच्चों ने जाली - टोपी चढ़ा रखी है तो आपने उन्हें कुछ नहीं कहा तो आखिर मेरी गलती क्या है ?
क्या बस इतना कि मैं एक हिंदू हूँ l
शिक्षक क्लास छोड़कर बाहर चला गया ।
1 मिनट चैटिंग छोडकर इस पोस्ट को जरूर पढेँ… वर्ना सारी जिन्दगी चैट ही करते रह जाओगे l


 #दिल्ली जल रही है क्यों जल रही है ? क्योंकि ये मुस्लिमों की पसंदीदा जगह रही है। ईद का चाँद दिखा या नहीं, ईद कल मनायी जायेगी या परसों इसकी घोषणा जब दिल्ली के मौलाना बुखारी करते हैं तभी भारत में मुस्लिमों के त्योहार मनते हैं।

इनका जलवा ऐसा है कि आप दंग रह जाएंगे। मध्य दिल्ली के एक बड़े भू भाग पर इनका कब्ज़ा है जहाँ हमारे राजनेताओं की कृपा से आजादी के पहले और आजादी के बाद से मुफ्त पानी, बिजली और अन्य बहुत सी सुविधाये दी जा रही हैं। माना जाता था कि इनकी ड्योढ़ी पर जिसने मत्था टेक लिया उसे मुस्लिम वोट छप्पर फाड़ कर मिलते हैं इंदिरा गांघी, राजीव गांधी, अर्जुन सिंह, वीपी सिंह, दिग्विजय सिंह, चंद्रशेखर, ममता बनर्जी, केजरीवाल, अहमद पटेल और लगभग सारे ही कांग्रेसियों ने अपना राजनैतिक कैरियर यहीं से संवारा है। अनेकों पाकिस्तानी राजनेता भी दिल्ली आकर सबसे पहले मौलाना बुखारी के मेहमान बनना पसंद करते हैं। पुलिस महकमे की आज तक हिम्मत नहीं हुई कि इनके इलाकों में घुस कर ये जानने का प्रयत्न कर सके कि वहां के क्रिया कलाप क्या हैं ?  एक बार सुना था कि लगभग 500 लोगों के प्रतिदिन के नाश्ते और खाने का खर्च स्वयं कांग्रेस पार्टी खुद वहन करती है। ये खाना और नाश्ता इतना आला दर्जे का होता है कि अच्छे से अच्छे रईस भी ऐसा नाश्ता खाना प्रतिदिन नहीं खाते होंगे। इसके अलावा  रुपया 25 लाख महीना मौलाना बुखारी को अलग से मिलते हैं। कश्मीरी अलगाववादी नेताओं की तरह सरकारी खर्चे पर विश्व भृमण और इलाज की सुविधा भी मयस्सर है।

दिल्ली और गाजियाबाद की डेमोग्राफी काफी हद तक बदल चुकी है। हिन्दू नामों से बांग्लादेशी घुसपैठियों को और रोहिंग्याओं को पक्के मकानों में बसाया जा चुका है। दिल्ली को भारत का दिल कहा जाता है पर इस दिल में छेद हो चुका है।


 #CAA : मामला उतना सीधा भी नहीं जितना बताया जा रहा
कैब (सीएबी) यानी अब सीएए पर संसद में बहस सुन रहा था, दोनों पक्ष सरकार और प्रतिपक्ष जितनी सरल शब्दों में इसकी व्याख्या कर रहे थे असल में मामला उतना सीधा है नहीं। असल बात दोनों पक्षों ने छिपा ली। सरकार ने अपना दूरगामी लक्ष्य छिपा लिया और विपक्ष ने अपनी हार की तिलमिलाहट छिपाने के लिए संविधान की आड़ ले ली। कुछ बिंदुवार समझने की कोशिश करते हैं।

क्या हैं इसके दूरगामी परिणाम
- सीएए के माध्यम से सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के वृषण भाग (अंडकोष) पर ऐसा घुटना मारा है जिससे ये तिलमिला तो गए हैं लेकिन अपना दर्द नहीं बयां कर पा रहे हैं। सरकार ने ये बिल लाकर बिना इनका नाम लिए बिना पूरी दुनिया को बता दिया कि इन देशों में अल्पसंख्यकों का उत्पीडऩ हो रहा है।
- बिल पास होते ही बांग्लादेश को दुनिया के सामने अपनी इज्जत बचाने के लिए कहना पड़ा कि वह अपने सभी नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है। उसने स्वीकार भी किया कि उसके यहां अल्पसंख्यकों का उत्पीडऩ हुआ है।
- कश्मीर में उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाले पाकिस्तान ने ऊल-जुलूल बयान दिया लेकिन यूएन की रिपोर्ट ने उसकी पोल खोल दी।
- इस बिल के आने से पाकिस्तान और बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यकों का उत्पीडऩ हो रहा था वह अब एक दस्तावेजी रिकॉर्ड बन गया है, जुबानी जमा खर्च नहीं है। भारत में जितने लोगों को यहां नागरिकता दी जाएगी ये दोनों देश उतने ही एक्सपोज होंगे।
- इस बिल के पास होने के बाद ही बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं को वापस लेने के लिए म्यांमार पर दबाव बना शुरू कर दिया है।
- इस बिल के आने के बाद भारत में रह रहे तमाम अल्पसंख्यक पीडि़त खुलकर बता सकेंगे कि वे किस देश से आए हैं, इससे इन देशों की और पोल खुलेगी। इसके चलते इनको अपने यहां उन कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा, जिनका उपयोग ये दोनों देश  भारत को ब्लैकमेल करने के लिए करते हैं।

विपक्ष ने क्या छिपाया अपना दर्द
- विपक्ष को पता है कि इसका भारत के नागरिकों पर असर नहीं पडऩे वाला लेकिन 370, राम मंदिर, तीन तलाक पर प्रतिरोध न होना, सबकुछ शांति से निपट जाने पर विपक्ष काफी चकित था, उसे इस तरह का निष्कंटक राज पसंद नहीं आ रहा था।
- इसलिए उसने एनआरसी का डर दिखाकर लोगों को भड़काया, लेकिन देश में इतनी हिंसा हो गई इससे विपक्ष का ये पांसा भी उल्टा ही पड़ता दिखाई दे रहा है।
- अमित शाह का ये कहना कि रोहिंग्या को हम रहने नहीं देंगे, एनआरसी तो हम लेकर ही आएंगे। भारत में पिछले 70 साल में इतनी स्पष्टता से संसद में किसी नेता ने भाषण नहीं दिया था। इस भाषण से देश के विपक्ष  के बहुत से स्वयंभू लोगों ने खुद को बहुत अपमानित महसूस किया, उनकी अकड़ को ठेस पहुंची।
- मौलाना, पर्सनल लॉ बोर्ड, फतवेबाजों के फफोले भी इस बिल के माध्यम से फूट पड़े जो पिछले कई महीनों से इस सरकार की कारगुजारियों से कलेजे में पड़े हुए थे। इन्हें अपनी भड़ास निकालने का मौका मिल गया।

अब आगे क्या
- विपक्षी दलो ,मौलानाओं, धर्म के ठेकेदारों, पर्सनल लॉ बोर्ड जैसी अवैध संस्थाओं को डर है कि ये सरकार कॉमन सिविल कोड, जनसंख्या नियंत्रण कानून, एनआरसी पर बहुत तेजी से काम कर सकती है, इसलिए इसका एक ही उपाय है हिंसा। हिंसा फैलाकर देश-दुनिया का ध्यान खींचो, सरकार अपने आप कदम पीछे खींच लेगी।
- सरकार इसको लिटमस टेस्ट भी मान सकती है क्योंकि 370, राम मंदिर, तीन तलाक पर जिस तरह से शांति रही थी, उससे सरकार मुगालते में आ गई थी, अब सरकार आगे की चीजों को करने से पहले अपनी जरूरी तैयारी करके रखेगी।
- अब शायद हिन्दू बोलते ही चीखने, हिंसा करने वालों को शायद समझ में आ जाए कि एक तो चीखने का कोई फायदा नहीं, दूसरा आप लोग एक्सपोज हो चुके हो और तीसरा इस देश के नागरिक हिन्दू भी हैं,  उनके लिए भी कुछ करने की जिम्मेदारी सरकार की है, सिर्फ एक ही समुदाय का तुष्टिकरण नहीं किया जा सकता।
- इस सख्ती का तात्कालिक फायदा ये होता दिख रहा है कि फिलहाल बाकी देशों से घुसपैठिए थोड़ा ठिठकेंगे, जो खिसक सकते हैं वे तुरंत यहां से खिसकेंगे।
- भारत को सराय समझने वाले यहां आने से पहले दस बार सोचेंगे। पड़ोसी सरकारें भी शायद हमारी सरकारों को गंभीरता से लेने लगेंगी, क्योंकि अब चीजें रिकॉर्ड पर आएंगी, हवाई किले बनाने के दिन लद गए।


यदि आप “दक्षिण कोरिया”
की सीमा अवैध रूप से पार करते हैं तो,
आपको 12 वर्ष के लिये सश्रम कारागार में
डाल दिया जायेगा.... !!

         अगर आप “ईरान” की सीमा अवैध रूप से पार करते हैं तो आपको अनिश्चितकाल तक हिरासत में ले लिया जायेगा....!!

    अगर आप “अफ़गानिस्तान” की सीमा अवैध रूप से पार करते हैं
तो आपको देखते ही गोली मार दी जायेगी जायेगी....!!

    यदि आप "चीनी" सीमा अवैध रूप से पार
करते हैं तो, आपका अपहरण कर
लिया जायेगा और आप फिर कभी नहीं मिलोगे.... !!

      यदि आप "क्यूबा" की सीमा अवैध रूप से
पार करते है तो... आपको एक राजनीतिक
षडयंत्र के जुर्म में जेल में डाल दिया जायेगा....!!

     यदि आप "ब्रिटिश" बॉर्डर अवैध रूप से
पार करते हैं तो, आपको गिरफ्तार
किया जायेगा, मुकदमा चलेगा, जेल
भेजा जायेगा और अपने सजा पूरी करने के
बाद निर्वासित....!!
और
        यदि आप पड़ौसी देश से हैं और आप "भारतीय"
सीमा को अवैध रूप से पार करते पाए गए,
तो आपको  मिलेगा   
१ एक राशन कार्ड
२ एक पासपोर्ट,
३ एक ड्राइवर का लाइसेंस,
४ मतदाता पहचान कार्ड,
५ क्रेडिट कार्ड,
६ सरकारी रियायती किराए पर आवास,
७ ऋण एक घर खरीदने के लिए,
८ मुफ्त शिक्षा,
९  मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल,
१० नई दिल्ली में एक लाबीस्ट,
११ एक टेलीविजन.
१२ और विशेषज्ञ मानव अधिकार
कार्यकर्ताओं के एक समूह के साथ
धर्मनिरपेक्षता की डफली बजाने
का अधिकार.....
१३ और बाकी  आप जो कहें..... Indians
को मारने की आजादी, बंम फोङने
की आजादी।...

     
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